वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पेश बजट में सोने और चांदी पर मूल सीमा शुल्क में कटौती की घोषणा की। तब से सोना 5000 रुपये प्रति 10 ग्राम या 7 प्रतिशत तक सस्ता हो गया है। इससे आभूषण के शौकीनों को बड़ी राहत मिली है जो सोने की बढ़ती कीमतों के कारण खरीदारी टाल रहे थे।
सुपरस्टार ने कहा है कि सोने की कीमत में इस गिरावट से ज्यादातर लोग निवेश के लिए प्रेरित होते हैं, यह कमोडिटी के रूप में हो या फिर वित्तीय संपत्ति के रूप में। इसका कारण यह है कि सोने की सुरक्षा और मुद्रा की कीमत में कमी के खिलाफ अचूक उपाय माना जाता है।
उद्योग की ग्रोथ तेजी से बढ़ेगी
भारत आयात से अपनी सोने की जरूरत को पूरा करता है और इससे देश के ऑर्गनाइज्ड ज्वैलरी सेक्टर को फायदा होगा। वर्षों से इसने गोल्ड का दूसरा सबसे बड़ा खरीदार देश होते हुए 45 अरब डॉलर से अधिक का सोना आयात किया है। कस्टम ड्यूटी कम होने से सोना आयात करना सस्ता हो जाएगा और उसकी तस्करी पर अंकुश लगाने से यहाँ की ज्वैलरी उद्योग की ग्रोथ तेजी से बढ़ेगी।
कटौती की जा रही है
एलपीके सिक्योरिटीज में कमोडिटी और करेंसी के वीपी रिसर्च एनालिस्ट जतीन त्रिवेदी ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया कि सोने के भाव में बेसिक कस्टम ड्यूटी में कटौती की जा रही है, जिससे मार्केट सेंटिमेंट में थोड़ी कमजोरी आ सकती है, लेकिन रिटेल इन्वेस्टर्स गोल्ड की बढ़ी हुई और आकर्षक कीमतों से लाभ उठा सकते हैं।
आभूषण क्षेत्र को बढ़ावा
भारत में सोने की तस्करी एक बड़ा मुद्दा रहा है। खास तौर पर दुबई जैसी जगहों से लोग जोखिम उठाकर तस्करी करते हैं। कुछ लोग अपने गुप्तांगों में सोना छिपाकर तस्करी करते पकड़े गए हैं। हालांकि, सोने पर सीमा शुल्क कम करने से ऐसी गतिविधियों पर लगाम लगेगी। मालाबार ग्रुप के चेयरमैन अहमद के मुताबिक सीमा शुल्क कम करने से तस्करी में शामिल माफिया चेन को खत्म करने में मदद मिलेगी। इससे संगठित आभूषण क्षेत्र को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही जीएसटी और आयकर के जरिए सरकार के राजस्व में भी बढ़ोतरी होगी।